👆पूरे संवाद को वीडियो में सुनें और कृष्ण भक्ति में डूब जाएं। श्री कृष्ण युग-विशेष के प्रतिनिधि न होकर युग युग के प्रतिनिधि हैं। निसंदेह कहा जा सकता है कि भारतीय चिंतन धारा को सर्वाधिक प्रभावित यदि किसी ने किया तो वह श्रीकृष्ण और श्री राम के चरित्र ही हैं। डॉ. नारदी जगदीश पारेख […]
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सावन में शिव की आराधना का रहस्य
-कमलकिशोर राजपूत “कमल” भगवान शिव हिंदू जनमानस में एक अहम दैवीय उपस्थिति हैं। शिव क्या हैं, कौन हैं उनकी महिमा क्या है? शिव तो स्वयं काल हैं, महाकाल हैं, जो समय और सीमाओं के परे हो वही तो शिव हैं, वही तो भोले हैं। 👆🏾 […]
स्वतंत्र भारत : संघर्ष से स्वर्णिम भविष्य तक
👆🏿ओज और जोश से भरी रचनाओं को सुनें और वीर रस में डूब जाएं। लंबी पराधीनता के बाद भारत को 15 अगस्त 1947 के दिन स्वतंत्रता का वरदान मिला। 15 अगस्त एक राष्ट्रीय अवकाश है। यह दिन प्रत्येक नागरिक को वीर स्वतंत्रता सेनानियों द्वारा किये गए बलिदान को याद करके मनाना चाहिए। कोई भी […]
डॉ. बी.सी. गुप्ता: एक वयोवृद्ध योद्धा की प्रेरणादायक कहानी”
हमें स्वतंत्र हुए 77 वर्ष पूरे हो चुके हैं और इस वर्ष हम 78 वां स्वतंत्रता दिवस मना रहे हैं। इस दिन हम सोचते हैं कि कुछ खास करना चाहिए, तो बस झंडा फहरा लेते हैं, या “भारत मां की जय” जैसे उद्घोष करके अपने कर्तव्य की इतिश्री समझ लेते हैं, परंतु कितना आसान है […]
अनिल रस्तोगी : विज्ञान और अभिनय की दुनिया के महारथी
विभिन्न गुणों का संयोग 👆डॉ. अनिल रस्तोगी जी के साथ हुए पूरे संवाद को सुनें। प्रत्येक व्यक्ति अपने अंदर अलग अलग गुण लेकर पैदा होता है। कोई कलाकार होता है, तो कोई वैज्ञानिक। कोई राजनीतिज्ञ, तो कोई सामाजिक कार्यकर्ता। कोई व्यापारी, तो कोई कर्मचारी। अलग-अलग इंसान में अलग-अलग गुण। जब यह गुण विशेष स्तर पर […]
हिम्मत की प्रतिमूर्ति : डॉ. नारदी पारेख की अनसुनी कहानी
कैसे भी हालात हों, कितनी भी विपरीत परिस्थितियां आएं, हमें उनका डटकर मुकाबला करना चाहिए, कभी भी हिम्मत नहीं हारनी चाहिए, बल्कि हिम्मत कुछ ऐसी रखनी चाहिए कि हालात ख़ुद ही हार जाएं। ऐसे ही हालातों को हराकर जीतने का नाम है, डॉ. नारदी पारेख जी। ईश्वर भी हमें तभी संभाल पाएंगे, जब हमारे लड़खड़ाते […]
हाथरस भगदड़ कांड: धार्मिक आयोजनों में सुरक्षा और प्रशासन की भूमिका
Image courtsy :www.newindianexpress.com आज हम एक ऐसे मुद्दे पर चर्चा करने जा रहे हैं जो हमारे समाज के धार्मिक और प्रशासनिक ढांचे पर कई सवाल खड़े करता है। हाथरस भगदड़ कांड ने हमें एक बार फिर यह सोचने पर मजबूर किया है कि हम अपने समाज में धार्मिक आयोजनों के प्रति कितने जागरूक हैं। […]
नारी सशक्तिकरण: प्राचीन भारत से आधुनिक काल तक की कहानी
– डॉ. स्वर्णज्योति, बैंगलुरु प्राचीन भारत में स्त्री को अत्यंत महत्व दिया जाता था। वह शक्ति का प्रतीक मानी जाती थी। वैदिक काल में स्त्री भोग-विलास की सामग्री नहीं, बल्कि भारतीय संस्कृति की डोर संभालने वाली सहयोगिनी के रूप में प्रतिष्ठित थी। हमारे साहित्य में भी नारी का विशेष स्थान रहा है। साहित्यकारों ने […]
अदब के अनमोल रंग : रईस सिद्दीक़ी की शायरी के संग
आज के “चुभन पॉडकास्ट” में हमने मशहूर शायर रईस सिद्दीक़ी बहराइची जी को आमंत्रित किया है। रईस सिद्दीक़ी जी वर्तमान में बेसिक शिक्षा विभाग में प्रधानाध्यापक के पद पर कार्यरत हैं। उनके लेखन की विविधता और गहराई को समझते हुए ऐसा लगता है कि उन्होंने अनुभूति के कैनवास पर अपने विचारों के रंग भर […]
समाजिक उत्थान: समाजिक भेदभाव और भारतीयता की समस्याएँ
-अजय “आवारा” समाजिक उत्थान: समाजिक भेदभाव और भारतीयता की समस्याएँ धर्म और जाति के आधार पर समाज में भेदभाव भेदभाव का गहरा असर हमारे समाज में धर्म और जाति के आधार पर भेदभाव का असर बहुत गहरा है। संविधान में समानता की बात की गई है। लेकिन, वास्तविकता में […]