रईस सिद्दीक़ी शायरी प्रस्तुत करते हुए।
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अदब के अनमोल रंग : रईस सिद्दीक़ी की शायरी के संग

 

आज के “चुभन पॉडकास्ट” में हमने मशहूर शायर रईस सिद्दीक़ी बहराइची जी को आमंत्रित किया है। रईस सिद्दीक़ी जी वर्तमान में बेसिक शिक्षा विभाग में प्रधानाध्यापक के पद पर कार्यरत हैं। उनके लेखन की विविधता और गहराई को समझते हुए ऐसा लगता है कि उन्होंने अनुभूति के कैनवास पर अपने विचारों के रंग भर दिए हैं। कोई भी रचनाकार तभी दिल को छू पाता है, जब उसका साहित्य-सृजन कला और भाव दोनों ही पक्षों पर खरा उतरता हो। इस दृष्टि से रईस सिद्दीक़ी जी का साहित्य पूर्णतः खरा उतरता है। इस पॉडकास्ट में रईस सिद्दीक़ी, चुभन पॉडकास्ट, शायरी पर विस्तार से चर्चा की गई है।

👆🏾पूरे कार्यक्रम को ऊपर वीडियो पर क्लिक कर सुनें।

रईस सिद्दीक़ी जी की लेखनी का सफर

रचनात्मकता का विस्तार

रईस सिद्दीक़ी जी ने हर भाव, हर विचार को अपने शब्दों में पिरोने का सफल प्रयास किया है। अभी कुछ समय पहले, जब कोरोना महामारी से सारा विश्व त्रस्त था, ऐसे में एक सहृदय शायर कैसे मौन रह सकता था? आपने भी इस वैश्विक महामारी के दर्द को अपने शब्दों में बयां किया –

“ऐसा मरज चला कि मसीहा के साथ साथ,
दुनिया भटक रही है, दवा की तलाश में।”

विभिन्न विधाओं में लेखन

आपने साहित्य की लगभग हर विधा में लेखन किया है – ग़ज़ल, गीत, नज़्म, क़ता, नात आदि। आपकी लोकप्रियता और सम्मान का अंदाजा इसी बात से लगाया जा सकता है कि गुफ्तगू पब्लिकेशन प्रयागराज से “देश के 21 ग़ज़लकार” ग़ज़ल संग्रह में आपकी 30 गज़लों को शामिल किया गया है तथा “सदी के मशहूर ग़ज़लकार” ग़ज़ल संग्रह में आपकी 10 गज़लों को स्थान मिला है। रईस सिद्दीक़ी जी की साहित्य के प्रति निष्ठा अद्वितीय है।

सम्मान और पुरस्कार

प्रमुख सम्मान

रईस सिद्दीक़ी जी को अनेक सम्मानों से नवाजा गया है। इनमें से कुछ प्रमुख सम्मान और पुरस्कार इस प्रकार हैं:

  • साहिर लुधियानवी एवार्ड
  • अकबर इलाहाबादी एवार्ड
  • नेपाल भारत मैत्री सम्मान
  • हिंदी उर्दू मंच पीलीभीत से प्रशस्ति पत्र
  • हिंदी उर्दू अदबी संगम दिल्ली से आधुनिक साहित्य जगत के अनमोल रत्न सम्मान
  • क़ौमी उर्दू शिक्षक कर्मचारी संघ से नेशनल उर्दू एवार्ड
  • उत्तराखण्ड की ज़िया साहित्य कुटुम्ब से गुरु रवीन्द्र नाथ टैगोर सम्मान
  • मसऊदिया ग़रीब नवाज़ सोसायटी से हामिद बहराइची एवार्ड
  • यूपी एजुकेशनल मिनिस्ट्रीयल आफीसर्स एसोसिएशन उत्तर प्रदेश से सम्मान पत्र
  • भव्या फाऊंडेशन से अंतरराष्ट्रीय मैत्री सम्मेलन एवं हिंद शिरोमणि सम्मान
  • नगर पालिका कैथून कोटा से श्रेष्ठ शायरी सम्मान

इन सम्मानों से स्पष्ट होता है कि रईस सिद्दीक़ी जी का साहित्यिक योगदान व्यापक और गहन है। उन्होंने साहित्य की हर विधा में अपना महत्वपूर्ण योगदान दिया है।

चुभन पॉडकास्ट पर रईस सिद्दीक़ी जी से संवाद

रचनाओं का पाठ और संवाद

चुभन पॉडकास्ट पर हमने रईस सिद्दीक़ी जी से उनकी कई उम्दा और लोकप्रिय रचनाओं का पाठ सुना। साथ ही कई ज्वलंत विषयों पर भी एक सार्थक संवाद किया। चूंकि आप ग़ज़ल और नज़्म के अलावा अन्य विधाओं में भी लिखते हैं, इसलिए उन विधाओं के बारे में भी हमने उनसे जानकारी ली।

लेखन में नियम और परंपरा

जैसा कि सभी को ज्ञात है, लेखन के कुछ नियम होते हैं। लेकिन अब नियम तोड़ने की भी परंपरा चल गई है। इस बारे में भी रईस जी ने अपने विचार रखे। उन्होंने बताया कि लेखन में नियमों का पालन आवश्यक है, लेकिन कभी-कभी नए विचारों और रचनात्मकता के लिए इन नियमों को तोड़ना भी जरूरी हो सकता है। रईस सिद्दीक़ी जी ने चुभन पॉडकास्ट में शायरी के माध्यम से यह महत्वपूर्ण संदेश साझा किया।

आजकल के साहित्य का स्तर

साहित्य में परिवर्तन और नवीनता

आजकल के साहित्य के स्तर के बारे में रईस सिद्दीक़ी जी ने अपने विचारों से हमें अवगत करवाया। उन्होंने बताया कि साहित्य के स्तर में परिवर्तन आ रहा है और यह आवश्यक भी है। साहित्यिक रचनाओं में नवीनता और समाज की वर्तमान समस्याओं को उजागर करने की आवश्यकता है। रईस जी का मानना है कि साहित्य को समाज का दर्पण होना चाहिए, जो समाज के प्रत्येक पहलू को सही रूप में प्रस्तुत कर सके।

रईस सिद्दीक़ी जी की ग़ज़ल

दिल को छू लेने वाली ग़ज़लें

रईस जी की ग़ज़लें और नज़्में हमेशा से ही दिल को छू लेने वाली रही हैं। उनकी एक मशहूर ग़ज़ल का उदाहरण प्रस्तुत है:

“उनको है ज़िद की बर्क़ गिरायेंगे बार बार
हम अपना आशियाना बनायेंगे बार बार

रुदाद ए ज़ुल्म उनको सुनायेंगे बार बार
आईना उनका उनको दिखायेंगे बार बार

हंस हंस के तीर सीने पे खायेंगे बार बार
ज़ख़्मों के फूल दिल में सजायेंगे बार बार

क़द्र ए वफ़ा नहीं कोई उनकी निगाह में
अहले वफ़ा पे ज़ुल्म वो ढायेंगे बार बार”

निष्कर्ष

प्रेरणादायक साहित्यिक सफर

उनका का साहित्यिक सफर प्रेरणादायक और महत्वपूर्ण है। उन्होंने अपनी लेखनी से समाज के विभिन्न पहलुओं को उजागर किया है। उनकी शायरी में भावनाओं की गहराई और विचारों की विविधता स्पष्ट झलकती है। रईस सिद्दीक़ी, चुभन पॉडकास्ट, शायरी पर आधारित इस पॉडकास्ट को सुनकर आपको भी साहित्य और शायरी के प्रति नई दृष्टि मिलेगी। उनका अंदाज़-ए-बयाँ ऐसा है कि सुनने वाला मंत्रमुग्ध हो जाता है।

इस लेख में हमने रईस सिद्दीक़ी जी के साहित्यिक सफर, उनके सम्मान और पुरस्कारों, और उनके विचारों को साझा किया है। उम्मीद है कि आपको यह लेख पसंद आया होगा और आप रईस सिद्दीक़ी जी की शायरी को अवश्य सुनेंगे और पढ़ेंगे।

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