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युवा रचनाकार अंकित

आप सब इस बात से परिचित हैं कि ‘चुभन’ पर हमने हमेशा अलग-अलग विषयों पर और ऐसी शख्सियतों से आपको मिलवाने का प्रयास किया है, जिन्होंने हमें उस विषय या क्षेत्र की अधिक से अधिक जानकारी बहुत ही रोचक तरीके से दी। साहित्य, कला, संस्कृति हर क्षेत्र को हमने इन विद्वदजनों के माध्यम से समझा-जाना।उसके साथ ही हमने नए और उभरते हुए सहित्यकारों, कलाकारों से भी आपको समय समय पर मिलवाया और उनके सपने, उनके संघर्षों, उनकी रचनात्मकता आदि हर विषय पर खुलकर बातचीत की। आज हमने ऐसे ही एक युवा रचनाकार अंकित चौधरी ‘शिव’ को ‘चुभन’ के पटल पर आमंत्रित किया। युवा रचनाकार अंकित चौधरी aur ऑनलाइन प्लेटफॉर्म पर साहित्य। 

 

👆पूरे संवाद को सुनने के लिए ऊपर वीडियो को प्ले करें।

अंकित गुजरात के उंझा शहर से हैं। एक लेखक के रूप में आपका सफर छोटी उम्र में ही शुरू हो गया, जो अनवरत जारी है।आपने अभी तक कई, उपन्यास, धारावाहिक, कविताएं, लेख और लघु फ़िल्म स्क्रिप्ट आदि विभिन्न विधाओं में लिखा। जिससे आप काफी लोकप्रिय भी हैं और बहुत से ऑनलाइन प्लेटफॉर्म पर आपकी पुस्तकें उपलब्ध हैं, जिसके कारण देश ही नही विदेशों में भी उनको काफी पढ़ा जाता है। आपकी दस पुस्तकें प्रकाशित हो चुकी हैं।

‘कर्तव्य – एक बलिदान’, आपकी पहली प्रकाशित रचना है। जिसकी कहानी 16 साल की युवती मेघा की है और आज के समाज को एक ऐसी सीख देती है, कि हरेक इंसान को हमे सम्मान देना ही चाहिए।

अंकित ने बताया कि अध्यात्म और शिव से लगाव होने के कारण उनके मन मे विचार आया कि एक लघु उपन्यास का सृजन करें, जिस प्रकार ऋषिमुनि करते थे। उन्होंने सोचा कि सतयुग, त्रेता युग और द्वापर युग की तरह वे भी गांधर्व- ऋषि कन्या, अप्सरा-आम इंसान के प्यार की दास्तान लिखें और तब जाकर उन्होंने अपना पहला आध्यात्मिक लघु उपन्यास ‘आदियोगी – दिव्य प्रेमगाथा’ का सर्जन किया।

जिसमें अभिरथ नामक गंधर्व स्वर्गलोक से पृथ्वीलोक पर एक ऋषि कन्या अवंतिका के लिए महादेव का संदेश लेकर आता है और उचित समय पर संदेश सुनाता है। इस दौरान उसे अवंतिका से लगाव हो जाता है और वह महादेव की रजामंदी से वापस पृथ्वीलोक पर आता है।आकर वह अवंतिका का दिल जीतता है। जब अवंतिका के पिता माधवानंद को उनके प्यार के बारे में ज्ञात होता है, तब वे एक शर्त रखते हैं, “अगर तुम्हारी शादी में महादेव और माता पार्वती आशीर्वाद देने के लिए आयेंगे तभी मैं यकीन करूंगा।”
शादी के दिन महादेव और माता पार्वती अभिरथ और अवंतिका को आशीर्वाद देने के लिए स्वयं आते हैं और उन दोनो की शादी हो जाती है।
इस प्रकार यह उपन्यास संदेश देता है कि जहां भक्ति में शक्ति और सच्चाई होती है, वहां महादेव भी प्रसन्न हो जाते हैं।

पॉडकास्ट में बात करते हुए अंकित ने और भी कई रोचक बातें बताई। आज का दौर इंटरनेट और आभासी दुनिया (virtual world) का है और हम सब उसी दुनिया मे जीने के आदी जो गए हैं। इस दौर में अपनी बातें, अपनी रचनाएं, अधिक से अधिक लोगों तक पहुंचाने के लिए ऑनलाइन प्लेटफॉर्म की कितनी आवश्यकता है, इस बात पर भी आपने प्रकाश डाला और ग्रामीण परिवेश से होने के बावजूद अंकित ने स्वयं को आज के माहौल और ज़रूरत के अनुसार कैसे ढाला, यह आप अवश्य सुनें।
पूरा संवाद आप पॉडकास्ट में सुनें।

 

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20 thoughts on “युवा रचनाकार अंकित

  1. बहुत ही सुंदर बातें की अंकितजीने ! युवा आयु में उन्होंने एक स्थायी जगह बना ली है। उनके सारे सपने परिपूर्ण हो ऐसी शुभकामनाएं 💐

  2. बहु-प्रतिभासंपन्न अंकित चौधरी “शिव” से भावना जी की वार्ता अत्यंत सुखद लगी। अंकित और शिव अपने आप में आपकी प्रतिभा के दो अनमोल पहलू हैं, जो शिव है अगर अंकित हो जाये तो वो कलाकार बन ही जाता है। आपको साधुवाद आपकी हिम्मत को सलाम, इस उम्र में इतनी विधाओं में डूबना बहुत मुश्किल होता है लेकिन आपने जीत पाई बड़ी बात है। शिव और माँ सरस्वती आपको ऊँचे मुक़ाम पर ले जाए यही आशीष और दुआ रहेगी मेरी।🪷💐👏

      1. छोटीसी उम्रका लंबा सफर आप कया आराम भी फरमाते हो अंकित चौधरी जी?
        कामीयाबी का सिलसिला चलता रहे। हमारे आशीर्वचन फलते रहें। 🌹मनवर्षा 🌹

  3. Superb, superb , superb. You are always best of best .
    I per me you always do best for you as well as for others .
    Hope your all dreams come true . Shivji give you more and more strength to do best work for you and everyone.

  4. अंकित चौधरी “शिव” ने अपनी छोटी सी उम्र मे जो सिद्धियां पाई है उसके लिए बहुत बहुत बधाई। साहित्य के क्षेत्रमे सबको साथ लेके चलने की उनकी भावना को नमन।
    मैंने शिवकी बहुत सारी धारावाहिक पढ़ी है सब अच्छी है उनमें से मुझे आदियोगी धारावाहिक बहुत ही पसंद है। शिव को बहुत बहुत शुभकामनाएं।

  5. बहुत बढ़िया अंकित जी । युवाधन और भारत की सन् हैं ऐसे युवक । अभिनंदन 🌹

  6. बहुत बढ़िया अभिनंदन अंकित जी खूब शुभेच्छा ।

  7. अंकित चौधरी “शिव ” को बहुत-बहुत अभिनंदन। मैंने शिव की बहुत सारी धारावाहिक पढ़ी है उनमें से मुझे आदियोगी बहुत ही अच्छी। सबको साथ लेकर चलने की उनकी भावना बहुत ही सराहनीय है। छोटी उम्र में पाई हुई यह सफलता के लिए बहुत-बहुत अभिनंदन के साथ मैं शिव के उज्जवल भविष्य के लिए मैं महादेव शिव को प्रार्थना करती हूं

  8. बहोत ही बढ़िया इंटरव्यू रहा। अंकीतभैयाने जो भी कहा बिल्कुल सच कहा। एक उमदा लेखक तो वो है ही पर बहोत उमदा व्यक्ति भी है। जितना हम शिवजी पर भरोशा रखते है उतना ही हमे शिव के अंश अंकीतभैया पर विश्वास है।
    प्रभु उनकी प्रगती दिन दोगुनी,रात चौगुनी करे यही शुभकामना। भावनाजी आपको धन्यवाद।

  9. अंकितभाई, आप को बहोत बधाइयाँ। हंमेशा ईसी तरह से प्रगति करते रहो।

  10. वाह अंकित भाई आपने तो बहुत ही कम उम्र में बड़ी सिद्धि हासिल की है। अभी तो 4 साल भी पूर्ण नहीं हुए फिर भी आप कितने आगे बढ़ गए हो ऐसे ही प्रगति करते रहो और शिव की कृपा शिव पर बनी रहे ऐसी मेरी शिवजी से प्रार्थना है।🙏

  11. अंकितजी हकीकत की जिंदगी में भी अच्छे इन्सान हैं। उनकी हर लिखावट दिल को छू लेने वाली होती हैं। ईश्वर उनको और प्रगति दे।

  12. अंकित चौधरी -शिव – युवा पेढ़ी के एक ऐसे उभरते सर्जक है जो अन्य युवा पेढ़ के लिए कुछ कर दिखाने की प्रेरणा दे रहे है।
    आप को हार्दिक बधाई और सफल भावि के लिये शुभकामना ।

  13. तारों की तेज में चंद्र छुपे नहीं
    सूरज छुपे नहीं बादल छायो
    साहित्य आकाश में चमकता हुआ ऐसा ही सितारा मेरा बेटा अंकित है। किसान का बेटा होने के नाते उसने साहित्य के क्षेत्र में शब्दों को बोया है और उसके ऊपर रचनाओं के फल फूले फले है। उसके मिलनसार स्वभाव, धारदार कलम और टेक्नोलॉजी की जानकारी के कारण आज उसने अपना नाम साहित्य की दुनिया में अंकित कर दिया है। एक ऐसा साहित्यकार जो दूसरे साहित्यकार को भी तक देना चाहता है। यह भावना बहुत कम लोगों में होती है और यही भावना उसकी विशेषता है। अंकित की लिखी हुई नवल कथाएं सामान्य जन की कल्पना के पर होती है। अलौकिक विषयोको लौकिक रूपमें डालकर वाचक को जकड़ के रखता है। हिंदी और इंग्लिश में अपनी रचनाएं प्रकाशित करता है। इतना ही नहीं अन्य लेखकों की रचना में मार्गदर्शन भी देता है और उनकी पुस्तक का प्रकाशन कार्य भी शुरू किया है। ईश्वर उसे कीर्ति और कल्दार से छलकता रखें ऐसी प्रार्थना से मेरे शब्दों को विराम देती हुं!

    डॉ नारदी जगदीश पारेख नंदी

  14. Superbly said each and every information n as well as all answers too.. Lottss of good wishes n congratulations..👏💐💐

  15. વાહ.. ખરેખર નાની ઉંમરમાં મોટી સિદ્ધિ હાંસલ કરી છે. ગૌરવની વાત છે. હંમેશા આગળ વધતાં રહો એવી શુભેચ્છા 🤞

  16. बहुत बहुत बधाईया अंकित जी
    आप ने बहुत सही कहा कि पहले लाइब्रेरी में जाते थे अब दो उंगलियों में किताबे सिमट गई हैं
    प्रतिलिपि बहुत अच्छा प्लेटफॉर्म है।
    सफ़ा पलटने में भी
    आता था मज़ा
    पाक-पकवानों से
    अलग ज़ायका था चखा

    अब वह बात नहीं रह गई है। फिर भी किताबे सबसे अच्छी दोस्त होती हैं।

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